देवनागरी
 
 
   

चूडी पूजा कोंकणी गौडा सारस्वत ब्राह्मण श्रावण मासांतु आचरण कोर्चे एक पूज। है परबान्तु वार्डिक जल्ल बाइलमनिश चूडी बांद्ताति, आनि तुळष झाडा वट्टु ताज्जे पूज कर्ताती। चूडी बान्दिल्नन्तर ही बाइलमनिश परिवाराचै माल्गड बाइलमनिशालै घरा वच्चूनु चूडी दित्तती। विंगड नमून फूल आनि दिर्बांकूर वट्टु कोर्नु वायु वट्टु बान्द्लारि चूडी जत्ता। चूडी पूज गौडा सारस्वत ब्राह्मण बाइलमनिशालै एक विशेष परब, खई तान्नि तांगेले बाम्मूणालै चांगाकतिरि आनि यशसाकतिरि दैवाले मांग्ताति।

केलो चूडी

इतिहास

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चूडी पूजाचै दोन मूल काणि आस्स:

1. जलंधरा नामाचै एक राक्षस आशिलो। तागेले बाइल, वृंधा, चंद आनि महान पतिव्रत आशिलि, आनि भग्वान विष्णुलै भक्त आशिलि। जलन्धरा महान शक्तिशाल राक्षस आशिलो, आनि वृन्धाले पतिव्रत्य शक्ति ताक्क जीवित दवर्त आस्त। तशि जौनु ताक्क कोणे युद्धान्तु सोल्सुचाक जैना। है कोल्णु देवते विश्नुक साङ्तचे, कसन मोणु तू वृन्धाले पतिव्रथ वाइत कोरका। एक दिवस जलंधरा युद्धभूमिंतु आस्तान विष्णु जलन्धरालै रूप घेउनु वृन्धाले वट्टु प्रीति कर्ता। तश्शि वृन्धाले पतिव्रत्य वत्ता, आनि ईश्वर जलन्धराक सोल्सिता, आनि तगेले मार काड्ता। जलन्धराले मर्लल नन्तर वृन्धाक कळता कि ती विष्णु वट्टु आस्स, जलन्धरा वट्टु नै। विष्णुलै होड भक्त आसुनु वृन्धा नंगिले कि विष्णु जगनाचे चाङाकतिरि अश्शि केल्लले, आनि तिगेले तप्प आनि पाप क्षमापाण कोर्न गेवचाक विष्णुक कसन कोर्का मोण निम्गिता। विष्णु तिक्का चूडी पूज कोर्चाक सांग्ता, कसला मळारि है पूज बाइलमनिशाक पतिव्रत आनि बरेपण हाड्ता।

2. सीता लंकाचै अशोक वनान्तु आस्तान तिगेलगे पूजाक कन्चै सामग्रि ना अशिलै, तकचि तीने लग्गि आशिलै फूल-दिर्बान्कुर वट्टु कोर्नु देवा पाय पळ्ळि, आनि तिगेले बामुणाले जय आनि यशसाक दैवाले माग्लि। अशि चूडी पूज शुरु जल्ले।

चूडी बन्दूचै

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चूडीन्तु बान्दुचाक जन विंगड-विंगड नामून फूल उपयोग कर्ताति; किन्तु चूडी बान्दुचै केलो क्रम आस्स:

1. चूडी बान्दितान दिर्बान्कुर आवश्य आस। प्रति चूडीन्तु विष्म सन्ख्याचै दिर्बान्कुर तण आस्का, आनि 3 पशि चड दिर्बान्कुर तण आस्का: 3, 5, 7, ... तण, तशि।

2. एक दिवसान्तु बरि विषम सन्ख्य चूडी बान्दुएत। जन सामान्य जाउनु 13 चूडी बान्दीनाचि। 7, 11, 15, 17, 19 तशि।

3. चूडीन्तु सामान्य जाउनु जन एक फूल घाल्नाति: बेलिफूल (Bougainvillea)। विंगड कन्चै फूल घालेत।

4. पूरा फूल आनि दिर्बान्कुर वट्टु कोर्नु वायु वट्टु बान्दीताति, आनि वीडा पानान्तु बान्दीताति, किन्तु है आवष्यकत ना।

सामान्य जाउनु चूडीन्तु है पूरा फूल-वस्तु आस्ता:[1]

1. रत्नगन्धि

2. रथ फूल्

3. गौरि फूल्

4. काल्य डोलो

5. अन्वाळि

6. आर्ति पान

7. कंगणि पुष्प

8. शंक पुष्प

9. मिठाइ फूल्

10. माज्रा नाकूट

11. करवीर

12. दिर्बान्कुर्

13. वायु सूत

पूज बग्गे

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तुळसि झाड्डान्तु तोडे चूडी दवर्न आस्स
 
कोंकणि बाइलमनिश चूडी पूज कर्ता आस्स

हॅ पूज श्रावण मासान्तु कर्ताति, शुक्रवार आनि ऐतारान्तु मात्र कर्ताति। चूडी बान्दिल नंतर बाइलमनिश देवाकूडान्तु ताज्जे पूज कर्ताति, तुळसि झाडा मुकारि चूडीचै पूज, आनि हुंब्रा मुकारि पूज कर्ताति। पूज नन्तर तान्नि केलो चूडी देवाकूडान्तु दवर्ताति, केलो चूडी तुळसि लाग्गि, एक चूडी केशांनु दवर्ताति, आनि दोनि चूडी हुम्बोरा (घरा मुकारि) लग्गि दवर्ताति। हज्जे नन्तर ती तिगेले बामुणावट्टु परिवाराचै विंगड घरा वच्चुनु घराचै माल्गड बाइलमनिशाक एक चूडी अनि वीडा पान दित्ता, आनि माल्गड हिक्क एक चूडी वापस दित्ता। घरान्तु माल्गड दाइलमनिश आस्लारि ही तंका एक वीडा पान दित्ता।

नवे वार्डीक जल्लले बाइलमनिशाले सुरेर वर्षा चूडी पूजा वळे तानि परिवारचै मस्त जनाक घरा आपेता आनि चूडी पूज कर्ता; है दिवस तिगेले वार्डीक-जीवनाचै एक विशेष दिवस। ती तिगेले सुरेर वर्षा चूडी पूज तिगेले बामूणाले घरान्तु कर्ता, आनि तिगेले आन-अम्माले घरान्तु वॅ कर्ता। [2]

बरि वार्डीक जल्लले बाइलमनिश कौन शुमंगलि आस्स, है पूज कर्ताति।

संदर्भ

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  1. "Archive copy". Archived from the original on 2007-08-27. Retrieved 2014-11-30.{{cite web}}: CS1 maint: archived copy as title (link)
  2. "Archive copy". Archived from the original on 2013-08-28. Retrieved 2014-11-30.{{cite web}}: CS1 maint: archived copy as title (link)
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